क्या आप मनकी शांति की तलाश में है? I Blog 7 - Divyesh ki Divyvani

क्या आप मनकी शांति की तलाश में है?


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एक किसान था वह खुश और संतोषी था। वह अपने गांव में ही पला बड़ा हुआ था वह खास कुछ पढ़ा लिखा भी नहीं था। वह खेत में जो भी बोता और उससे जो पैसे मिलते उससे उसका घर चल जाता था।  एक बार उसके गांव से हिरे का व्यापारी गुजरा और उसने किसान को हिरे बारे में और हिरे की अहमियत के बारे में बताया। उसने कहा की तुम्हारे पास एक छोटा सा हिरा भी हो तो तुम लखपति बन जाओगे और अगर तुम्हारे पसे थोड़े ज्यादा हिरे हो तो तुम करोड़पति बन सकते हो। इस दिन के बाद से किसान की नींद हराम हो गई। वो दिन रात बस हिरे के बारे में ही सोचने लगा और कुछ दिनों के बाद उसने तैय किया की वो अपना सब कुछ बेचकर हिरे की तलाश में निकल जायेगा। उसने अपना सब कुछ बेच दिया और हिरे की तलाश में निकल पड़ा। उसने बंगाल में तलाश की, बिहार में तलाश की, झारखंड में तलाश की, गंगा नदी के किनारे किनारे उसने बहुत जगह पर तलाश की लेकिन उसे कही हिरे नहीं मिले और वो थक हार कर वापस गांव आया। वापस आते ही उसे पता चला की उसका खेत जिसको वो बेच के गया था  वह अपनी गायों को खेत के पास वाली नदी से पानी पीला रहा था। उस वक़्त उसने वहा कुछ चमकीले पथ्थर देखे।  उसे लगा की घर में सजावट के काम आएंगे और वो पथ्थर घर पे लेकर आ गया तभी वह हिरे का व्यापारी वहा से फिर से गुजरा तो उसने बताया की यह तो हिरे है!!! जिस खेत को बेचकर वो हिरे ढूंढने गया था उसी खेत से ढेर सारे हिरे मिले। उस किसान को बेहद दुःख हुआ की जिस हिरे की तलाश में मै दर दर भटका वह तो मेरे ही खेत में थे।

दोस्तों जिंदगी में हमारे साथ भी ऐसा ही होता है। हम अपने पास क्या है वह न देखकर हमारे पास क्या नहीं है यह देखकर दुखी होते रहते है हम हमारे पास जो है उसकी अहमियत नहीं समझते और जो नहीं है उसे पाने की दौड़ में ही लगे रहते है इसकी वजह से हम न ही खुश रह पाते है न ही हमें शांति मिलती है। हम भी सब कुछ छोड़कर शांति को बहार कही ढूंढने निकल पड़ते है। लेकिन जिसे हमें अंदर ढूढ़ना चाहिए उसे हम बहार ढूंढने निकल पड़े है तो यक़ीनन हमें निराशा ही मिलेगी। क्युकी जो बहार है ही नहीं वो बहार से कैसे मिलेगा? हम भूल जाते है की जिसकी हम तलाश कर रहे है वो हमारे अंदर ही है। शांति तो आपके अंदर ही है उसे बहार ढूँढना व्यर्थ है। तो अपने भीतर झांकिए और शांति का अनुभव कीजिये।     

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